बुद्धिमान इंसान ध्यान में रखे ये 10 बाते। Intelligent People In Hindi


दोस्तों आपने कई बार चाणक्य नीति (Chankya Niti In Hindi) तो पढ़ी ही होगी। जिसमे चाणक्य हमें जीवन में सफल (Successful In Life In Hindi) होने के लिए तरह तरह की नीतियों के बारे में बताते है। लेकिन आज हम आपके लिए विधुर नीति लेकर आये है जो की ये नीतिया विधुर (Vidhur Niti In Hindi) जी ने 1000 वर्ष पहले ही बता दी थी और ये नीतिया आज भी उतनी ही उपयोगी है। लेकिन इससे पहले हम विधुर जी के बारे में जान लेते है।

विधुर दासी पुत्र थे इस कारण वो राजा तो नहीं बन सके लेकिन विधुर को राजनीती और अर्थशास्त्र में अधिक ज्ञान होने के कारण हस्तिनापुर का प्रधान मंत्री बना दिया गया। वो बिना डरे अपने निर्णय और बड़ी से मुश्किलों का सामना करने में भी सक्षम थे। विधुर को धर्मराज के नाम से भी जाना जाता है। वो महाभारत के मुख्य पात्रो में से एक है।

विधुर ने यहाँ 10 ऐसी बाते हमें बताई है जो एक बुद्धिमान इंसान हमेशा ध्यान रखता है। यदि आप भी एक बुद्धिमान इंसान है या फिर बनना चाहते हो तो विधुर की इन नीतियों को जरूर ध्यान में रखे। विधुर का ऐसा मानना है की जिस मनुष्य में ये 10 बाते है वो बुद्धिमान है और जिसमे नहीं है वो मुर्ख है। तो चलिए जानते है कोनसी है वो 10 विधुर नीतिया।


बुद्धिमान इंसान ध्यान में रखे ये 10 बाते। Intelligent People In Hindi | विधुर नीति



1: हमेशा अच्छी चीजों का चिंतन करे


विधुर जी कहते है की जिस चीज को हम अपने मन, वचन और कर्म से लगातार जिस वस्तु के बारे में सोचते है उन्ही चीजों को हम अपनी तरफ आकर्षित करते है। इसलिए हमें हमेशा अच्छी चीजों के बारे में सोचना चाहिए।




ये नीति Law Of Attraction को ही दिखाती है। मतलब अभी जितने भी महान लेखक है जिन्होंने Law Of Attraction पर अपने विचार व्यक्त किये है और इसकी खोज की है ये बात तो विधुर जी ने 1000 साल पहले ही महाभारत में बता दी थी।

इसलिए ये बहुत जरुरी है की आप सोचते क्या है यदि आप सकारत्मक सोचते है तो आप के दिमाग में सकारत्मक गतिविधिया होने लगती है। जबकि यदि आप नकारात्मक सोचते है तो आपके दिमाग में नकारात्मक विचार ही आने लग जाते है।

इसलिए विधुर जी ने कहा है की हमें सदा अच्छी चीजों का ही चिंतन करना चाहिए।


2: कम बोले और ज्यादा सुने


आपने जितने भी सफल व्यक्ति की एक आदत पर ध्यान दिया हो तो आपको पता चला होगा की जितने भी सफल व्यक्ति है वो बोलते बहुत कम है और सुनते ज्यादा है। क्या आप जानते है वो ऐसा किस लिए करते है।


ऐसा इसलिए होता है क्योकि वो लोग खुद ज्यादा बोलने से अच्छा सामने वाला क्या बोल रहा है इस बात को ज्यादा सुनना पसंद करते है। क्योकि ऐसा माना जाता है की यदि आप ज्यादा बोलते हो तो आपके पास सिखने के लिए कोई चीज नहीं है लेकिन जब आप सुनना शुरू करते हो तो आप सामने वाले से उसकी बातो को सुन कर बहुत कुछ सीख़ सकते हो।




इसलिए विधुर ने इस बात पर सबसे ज्यादा जोर दिया है की हमें कम बोलना चाहिए और ज्यादा सुनना चाहिए। यही एक बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान है।


3: बुरे लोगो के साथ बुरे बने


आपने कई बार देखा होगा की जब कक्षा में एक बच्चा शैतानी करता है तो उसकी वजह से पूरी कक्षा के बच्चो को भी उसकी गलती की सजा मिलती है और आप ये बात तो जानते ही होंगे की एक खराब सेब सारे सेबो को भी खराब कर देता है।



इस नीति में विधुर जी ने हमें बताया है की हमें उन लोगो से दूर रहना चाहिए जो बुरे हो क्योकि जिस दिन वो डूबेंगे उस दिन वो आप को भी ले डूबेंगे। इसलिए जितना हो सके ऐसे लोगो से दुरी बनाये रखे।


4: जिस काम को करके पछताना पड़े उस काम को शुरू करे


बहुत-सी बार ऐसा होता है की हम किसी काम को जोश जोश में तो शुरू कर देते है लेकिन जब बाद में हमारा जोश खत्म हो जाता है तो हम उस काम को लेकर पछताने लग जाते है की हे भगवान् मेने ये काम शुरू ही क्यों किया।


ऐसा इसलिए होता है क्योकि जब हम किसी काम को पूरा ज्ञान लिए बिना शुरू कर देते है तो वो आगे जाकर हमारे लिए परेशानी का कारण बन जाता है।

इसके लिए विधुर जी कहते है की जिस काम का हमें ज्ञान नहीं हो उस काम को हमें शुरू नहीं करना चाहिए और यदि शुरू करना है तो उसके बारे में पहले पूरा ज्ञान प्राप्त करे। आधे अधूरे ज्ञान को लेकर कभी अपना काम शुरू करे। क्योकि फिर आपके पास पछताने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।


5: नींद, आलस्य, क्रोध, भय और देर से काम करने की आदत को त्यागे


नींद, आलस्य, क्रोध, भय और देर से काम करने की आदत ये सब चीजे मनुष्य में होना बहुत आम बात है लेकिन एक स्तर पर जाकर ये हमारे लिए बहुत बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है। जैसे आवश्य्कता से ज्यादा नींद लेना, अधिक क्रोध करना, अधिक आलस करना, जरूरत ज्यादा किसी चीज से डरना और किसी काम को जान कर देर करना।




ये सब आदते हमारे जीवन के लिए बहुत घातक सिद्ध हो सकती है इसलिए विधुर जी ने कहा है की हमें अपनी इन सब आदतों पर नियंत्रण करना आना चाहिए। जब जाकर ही हम एक सफल व्यक्ति बन सकते है।



6: उस व्यक्ति पर ज्यादा विश्वास ना करे जिस पर आप विश्वास करते है


ये तो आप सब जानते ही है की हमे उन लोगो पर विश्वास नहीं करना चाहिए जो विश्वास करने के लायक नहीं हो। लेकिन यहाँ विधुर जी ये भी कहते है की हमें उन लोगो पर भी ज्यादा विश्वास नहीं करना चाहिए जो विश्वास करने लायक हो।




ऐसा विधुर जी ने इसलिए कहा है क्योकि जिस पर हम ज्यादा विश्वास करते है वो ही हमे ज्यादा चोट पहुंचाते है। इसलिए हर किसी पर विश्वास नहीं करे और जिस पर आप विश्वास करते है उस पर भी अधिक विश्वास नहीं करे।


7: धन, स्वास्थ्य, आज्ञाकारी संतान, पत्नी और विद्या


विधुर ने संसार में 5 सुखो को परमसुख बताया है और इनका मानना है की एक सुखी व्यक्ति की पहचान इन 5 चीजों से ही की जा सकती है।
  1. धन आप तो जानते ही है की धन ही वो चीज है जिससे आप खुद की और अपने परिवार की हर जरूरत को पूरी कर सकते हो। धन आपकी समाज में भी एक अच्छी स्तिथि को दिखता है।
  2. स्वास्थ्य आपने देखा होगा की आज के समय में बहुत से लोगो के पास पैसा तो है लेकिन उनके पास अच्छी सेहत नहीं होने के कारण वो हमेशा परेशान रहते है। इसलिए यदि आपके पास एक अच्छा स्वास्थ्य नहीं है तो आप कभी खुश नहीं रह सकते।
  3. आज्ञाकारी संतान यदि बच्चे कुछ अच्छा काम करते है तो माँ और बाप दोनों का मान और सम्मान बढ़ता है लेकिन बच्चे बुरा काम करते है तो माँ और बाप के मान और सम्मान में कमी आती है इसलिए विधुर जी ने बताया है की जिसके पास एक आज्ञाकारी संतान है वो भी एक बहुत सुखी इंसान है।
  4. पत्नी यदि आपकी एक अच्छी जीवन साथी हो जो आपके जीवन के हर क्षण में आपके साथ रहे और जो आपकी हर बात को माने और आप से बहुत प्यार करे तो जीवन बहुत ही आसान हो जाता है और खुशियों से भर जाता है। वही अगर आपकी जीवन साथी आप से लड़ती झगड़ती है आपसे बात नहीं करती आपका बात बात पर अपमान करती है तो आपका जीवन दुखो से भर जायेगा। यहाँ विधुर जी ने बताया है की एक सुखी मुनष्य की पहचान उसकी पत्नी से भी की जा सकती है। यदि उसकी पत्नी अच्छी है तो भी वो अपने जीवन में बहुत खुश होता है।
  5. विद्या यदि आपके पास ज्ञान का भंडार है तो आप कभी अपने जीवन में दुखी नहीं रहोगे। क्योकि यदि आपके पास ज्ञान है तो आप पूरी दुनिया की दौलत को भी कमा सकते है और जीवन में आने वाली हर समस्या का सामना भी आप आसानी से कर सकते है। इसलिए आपको अपने अंदर ज्यादा ज्ञान को ग्रहण करना चाहिए।


8: काम को योजना के साथ शुरू करे और अंत तक करे


यहाँ विधुर जी ने कहा है की किसी भी काम को शुरू करने से पहले उसकी योजना बनाये और फिर उसको अंत तक करे जब तक उस काम में आपको सफलता नहीं मिल जाती।


9: दोस्तों और दुश्मन में फर्क समझे


ये हमारे लिए सबसे जरुरी है की हम ये जान सके की कौन हमारा दोस्त है और कौन दुश्मन है। ये फर्क ही आपको आपके जीवन में आपके शत्रुओ से बचाएगा।


10: अपराध कर के छुपाना


बहुत से लोगो की ये आदत होती है की वो अपने अपराधों पर पर्दा डालने लग जाते है। जोकि सबसे बड़ा पाप है। हमें अपनी गलती को कभी नहीं छुपाना चाहिए क्योकि जब हम एक अपराध को छुपाते है तो उसको छुपाने के लिए 100 झूट ओर बोलने पड़ते है। जोकि हमारे लिए आगे जाकर परेशानी का कारण बन जाता है।

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