आज हम आपको मोटिवेशनल स्पीच हिंदी (Motivational Speech In Hindi) की सहायता से ज्ञान के महत्व (Importance Of Knowledge In Hindi) को बताने जा रहे है। जो की आपके जीवन को एक सही मार्ग दर्शन प्रदान करेगा।
ज्ञान का महत्व क्या है | Motivational Speech In Hindi
दोस्तों, जीवन में हर एक चीज का अपना अपना महत्त्व होता है जैसे समय का महत्व, अपने दोस्तों का महत्व और हमारी सोच का महत्व आदि लेकिन इन सब में सबसे अधिक महत्व होता है वो है ज्ञान का महत्व।
हमारे जीवन में ज्ञान का महत्व सबसे अधिक होता है यदि हमारे पास ज्ञान है तो हम उसका सही उपयोग कर के अपने जीवन में जितना सफल होना चाहते है उतना सफल हो सकते है। ये महान ऋषि ने तो ज्ञान को ही जीवन का सार बताया है।
आपने ये कहावत तो सुनी ही होगी की जो मनुष्य ज्ञान से रहित है वो इस पृथ्वी पर एक पशु के सामान है और ये कहना एक दम सही भी है। क्योकि जो मनुष्य ज्ञान से रहित होता है उसको आज के समय में इस संसार में न तो मान - सम्मान मिलगा, न ही अच्छा रोजगार मिलगा और न ही वो कभी जीवन में सफल हो सकता है।
ऐसा इसलिए है क्योकि एक समय था जब हमारे पूर्वजो को अपने जीवन व्यापन के लिए अधिक विशेष ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती थी। लेकिन आज का जमाना बिलकुल बदल गया है आज का संसार आधुनिक गतिविधियों से लिप्त है। यदि हमें आज के समय में जीना है तो हमें ज्ञान की बहुत अधिक आवश्यकता है। क्योकि इन आधुनिक गतिविधियों की कला को हम ज्ञान के माध्यम से ही प्राप्त कर सकते है।
ज्ञान आपको एक उत्तम पुरुष बनाता है आपके अंदर का ज्ञान ही आपको एक उत्तम पुरष बनने में सहायता करता है। यदि आप ज्ञान से पूर्ण हो तो आप अपने जीवन में सफल होने के लिए एक उत्तम प्रयास करने लग जाते हो लेकिन जो मनुष्य ज्ञान से रहित होता है वो कभी उत्तम प्रयास नहीं करता वो सदैव ही बुराई में रास्ते पर चलता है और आतंकित गतिवधियों में लिप्त हो जाता है जो आगे चल कर उसके नाश का कारण बनती है। इसलिए ये बहुत जरुरी है की हम अपने अंदर ज्ञान को अधिक से अधिक भरे।
लेकिन आपने कभी सोचा है की आखिर ज्ञान है क्या और हमें ज्ञान की प्राप्ति कब और कहाँ से होती है।
सबसे पहले हमें अपने ज्ञान की प्राप्ति माता और पिता से मिलनी शुरू होती है। एक बच्चे का सबसे पहला विद्यालय उसके माता पिता ही होते है वो ही उस बच्चे को क्या अच्छा है क्या बुरा ये सिखाते है। हमें किस का मान - सम्मान करना है, हमें क्या करना है क्या नहीं करना ये सब हमें सबसे पहले हमारे माता पिता ही सीखते है। यदि कोई छोटा बच्चा आप की बात नहीं मान रहा और जिद कर रहा है तो ये उसके माता और पिता के शिक्षण का ही कारण है।
विद्यालय हमें किताबी ज्ञान देता है जो की हमें अपने जीवन की आजीवका को चलाने में सहायक होता है जबकि वो ज्ञान जो हमें अपने अपने माता और पिता से मिलता है वो हमें एक आत्म शक्ति प्रदान करता है। जितना महत्व विद्यायल के ज्ञान का होता है उतना ही महत्व माता पिता द्वारा सीखे गए ज्ञान का भी होता है। इसलिए एक उत्तम मनुष्य बनने के लिए दोनों ही ज्ञान का महत्व होता है।
क्या आप जानते है की महान गुरु चाणक्य ने कहा है की अधूरा ज्ञान सदैव ही घातक होता है। इसलिए ये बहुत जरुरी है की या तो आपके पास किसी चीज का ज्ञान ना हो और यदि है तो पूरा ज्ञान हो। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योकि अधूरा ज्ञान हमेशा हमारे साथ साथ दुसरो को भी भर्मित करता है। यदि आपके पास अधरा ज्ञान है तो बहुत सी बार आपको उसके लिए अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है। अब हम यहाँ ऐसा इसलिए कह रहे है क्योकि अक्सर जब दो कुछ लोगो में किसी चीज की जानकारी को लेकर वादविवाद शुरू होता है तो एक पक्ष के पास सही जानकारी के नहीं होने से दूसरा पक्ष भर्मित हो जाता है और जब दूसरा पक्ष उसकी जानकारी को गलत साबित कर देता है तो पहले पक्ष को अपमान का सामना करना पड़ता है। इसलिए आपको ये ध्यान में रखना चाहिए की आपने पास जानकारी कम हो लेकिन पूरी और सही होनी चाहिए।
आप को कभी ये नहीं भूलना चाहिए की ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती। ज्ञान उस आकाश के समान है जो कभी खत्म नहीं होता। ज्ञान उस धरती के समान है जो कभी खत्म नहीं होता। आज तक कोई भी व्यक्ति इस धरती पर जन्म नहीं ले सका है जो सम्पूर्ण ज्ञान को प्राप्त कर सके। यदि एक मनुष्य अपने सम्पूर्ण जीवन काल में भी सम्पूर्ण ज्ञान की प्राप्ति नहीं कर सकता। इसलिए आपके लिए ये जरुरी है की सभी विषयो में ज्ञान लेने से अच्छा है की आप किसी एक विषय में ही इतना ज्ञान प्राप्त करे की आप उस विषय के विशेषज्ञ बन जाये। किसी एक क्षेत्र में ही सम्पूर्ण विशेषज्ञ बन जाये। यही आपको जीवन में सफल बनाएगा।
वैसे तो ज्ञान की कोई सीमा नहीं है लेकिन फिर भी समय को हम ज्ञान की सीमा कह सकते है कोई जितना हमारे पास समय होता है उतना तो हम ज्ञान प्राप्त कर सकते है लेकिन जब समय खत्म हो जाता है तो ज्ञान भी अधूरा रह जाता है। इसलिए यदि आप में कुछ सीखने की इच्छा हो तो कभी सही समय का इंतजार नहीं करे जो करना चाहते है जो बनना चाहते हो उसके लिए प्रयास शुरू करे।
दोस्तों वैसे ज्ञान प्राप्त करना तो बहुत अच्छा होता है लेकिन यदि इस ज्ञान का सही उपयोग ही इसके असली महत्व को दर्शाता है। हमें कभी अपने ज्ञान को अहंकार का कारण नहीं बनने देना चाहिए। जिस दिन आपका ज्ञान आपके अहंकार का कारण बन गया उस दिन आप उस मनुष्य से भी नीचे हो जाओगे जो की ज्ञान से रहित है और आप को ये जो पता ही होगा की जो लोग ज्ञान से रहित होते है वो एक पशु की भाती होते तो आप उस से भी नीचे की श्रेणी में चले जाते हो। इसलिए अपने ज्ञान को अहंकार का कारण कभी नहीं बनने दे और अपने ज्ञान का सही उपयोग करे जिससे आपका और देश का भला हो।
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